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आज इस आर्टिकल में हम आपको राज्यवर्धन राठौड़ की जीवनी – Rajyavardhan Rathore Biography Hindi के बारे में बताएगे।

राज्यवर्धन राठौड़ की जीवनी – Rajyavardhan Rathore Story Hindi

Rajyavardhan Rathore प्रसिद्ध भारतीय निशानेबाज़ और ओलंपिक पदक विजेता तथा वे 16वीं लोकसभा में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद चुने गये है।

9 ग्रेनेडियर(मेवाड़) रेजीमेंट में 15 दिसंबर 1990 को कमीशन हुए।उन्होने 1990 से 2013 तक सेवाएँ दीं।

उन्होने 2004 एथेंस ओलंपिक में डबल ट्रैप शूटिंग स्पर्द्धा में रजत पदक जीता।

केंद्र सरकार में खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री और सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री रहे।

उन्हे पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार और अति विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया।

जन्म

Rajyavardhan Rathore का जन्म 29 जनवरी 1970 को जैसलमेर,राजस्थान में हुआ था।

उन्हे घर पर चिली कहकर पुकारा जाता है। उनके पिता का नाम कर्नल लक्ष्मण सिंह तथा उनकी माता का नाम मंजु  हैं।

उनकी पत्नी का नाम डॉ.

गायत्री है। उनका एक बेटा है – मानव आदित्य और बेटी है – भाग्यश्री।

शिक्षा

राज्यवर्धन राठौड़ ने भारतीय सैन्य अकादमी और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।

1996 में राज्यवर्धन की शूटिंग की ट्रेनिंग आर्मी मार्क्समैन इन्फैंटरी स्कूल में हुई।

शूटिंग की शुरुआत – राज्यवर्धन राठौड़ की जीवनी

1998 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शुटिंग की शुरुआत की थी।

जल्दी वह दुनिया के बेहतरीन ट्रैप शूटरों में गिने जाने लगे।

साल 2003 में साइप्रस के शहर निकोसिया में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप का कांस्य जीता था।

स्पर्धा के पूर्व राठौड़ ने कहा था- ‘मैदाने जंग में शूटिंग ओलंपिक पदक जीतने से ज्यादा आसान है।

स्पर्धा के माहौल में आपके अंदर का डर बाहर निकलकर आता है।” उन्होंने सेना छोड़कर खेल के मैदान में बाजी मारी।

उन्होंने अपनी उपलब्धि के बारे में कहा- “हमारे देश में क्रिकेट बहुत महत्त्वपूर्ण है।

मुझे भी यह पसन्द है, लेकिन मेरी उपलब्धि से लोग शूटिंग जैसे खेलों में भी आएंगे।”

एथेंस ओलंपिक के रजत विजेता

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने वर्ष 2004 के एथेंस ओलम्पिक में भारत के लिये रजत पदक जीता।

इसके साथ ही वे ओलंपिक पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय निशानेबाज़ बन गए।

राठौड़ ने क्वालीफाइंग राउंड में 135 (46,43,46) का स्कोर कर पांचवां स्थान प्राप्त किया था। लेकिन फ़ाइनल में उन्होंने अपना स्तर उठाते हुए 50 से 44 निशाने साधे और कुल 179 के स्कोर के साथ रजत पदक जीत लिया।संयुक्त अरब अमीरात के अहमद अल मख्तूम ने क्वालीफांइग दौर में 144 का स्कोर किया था और फ़ाइनल में 45 का स्कोर कर कुल स्कोर 189 पर पहुंचा कर स्वर्ण पदक हासिल किया।

ओलंपिक इतिहास में भारत का यह चौथा व्यक्तिगत पदक और पहला व्यक्तिगत रजत पदक था।

इससे पूर्व पहलवान खाशाबा जाधवने 1952 के हेलसिंकी में कांस्य, टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक में कांस्य और भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 के सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीते थे

सेना और शूटिंग से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, वे 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए संसद के सदस्य बने।

नवंबर 2014 में, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री बने।

वे केंद्र सरकार में खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री और सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री रहे।

राठौर को 2017 में युवा मामलों और खेल मंत्रालय के लिए स्वतंत्र प्रभार के साथ कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था।

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उपलब्धियाँ और पुरस्कार

  • 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में मानचेस्टर (इग्लैण्ड) में दो स्वर्ण पदक प्राप्त किए।
  • आई.एस.एस.एफ.

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    विश्व शाटगन कप, दिल्ली में 2003 में कांस्य पदक प्राप्त किया।

  • 2003 में साइप्रस के निकोसियां में विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
  • 2004 में सिडनी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता।
  • राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को सितम्बर 2004 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
  • 17 अगस्त, 2004 को एथेंस ओलंपिक, ग्रीस में रजत पदक प्राप्त किया। उनके रजत पदक जीतने पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेजर राठौड़ को राज्य सरकार की ओर से 11 लाख रुपये का नकद इनाम व आवास मंडल का साढ़े आठ लाख रुपये कीमत का एक फ़्लैट देने की घोषणा की थी।
  • एशियाई क्ले विजन प्रतियोगिता, बैंकाक (थाईलैंड) में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
  • 2004 में ही चेक मास्टर्स कप (चेक गणराज्य) में स्वर्ण पदक हासिल किया।
  • उन्हें 2005 में ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति डॉ.

    ए.पी.जे अब्दुल कलामद्वारा प्रदान किया गया।

  • 2005 में उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
  • मेलबर्न में आयोजित 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को पेयर्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक का दावेदार समझा जा रहा था, परन्तु वे अपने लक्ष्य से चूक गए और उन्हें दूसरे स्थान पर रह कर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
  • मई 2006 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने काहिरा के आई एस एस एफ वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतकर बड़ी कामयाबी हासिल की। साथ ही बीजिंग में 2008 में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया।
  • 2006 में राठौड़ ने कैरो विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता, जो किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं।
  • दिसम्बर 2006 में हुए दोहा एशियाड में उवल ट्रैप स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और पुरुष डबल ट्रैप टीम स्पर्धा में विक्रम भटनागर और रंजन सोढी के साथ मिलकर रजत पदक जीता।
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